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समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
सुमेर सिंह राठौर
@SumerJaisalmer
World Environment Day: थार पर प्रकृति का मेहरबान रहना भी कुदरत का करिश्मा है!
गर्मियों के दिन ज्यों-ज्यों तपते है रेगिस्तान के पेड़-पौधे भी खिलने लगते हैं. खिलने क्या लगते हैं जीवन से भर जाते हैं. मई और जून के महीने में जिन तीन पेड़-पौधों पर रेगिस्तान आबाद रहता है वे हैं खेजड़ी, जाल और कैर. आस-पास के ये पेड़ लोगों के जीवन का हिस्सा होते हैं. इन पेड़ों के नाम या पहचान भी होती है. जिसे लोग सालों-साल याद रखते हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
सर्वेश त्रिपाठी
@advsarveshtripathi
पर्यावरण के साथ छलावा है पर्यावरण दिवस का एकदिवसीय दिखावा हो जाना
5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस एक शोशेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है. मतलब एक पेड़ अपनी बालकनी, लॉन, गमले में या कहीं पर लगाओ उसके साथ अपनी फोटू उतारो और फेसबुक पर चेप कर एकदिवसीय पर्यावरण प्रेमी बन जाओ.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
पीयूष बबेले
@piyush.babele.5
विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: कूड़े से बिजली
भारत में इस बहस को चलते करीब चार दशक हो गए हैं कि क्यों न हम भी घरेलू कचरे से बिजली बना लें. जब यूरोप के देश ऐसा कर सकते हैं तो भारत ऐसा क्यों नहीं.
समाज
| 0-मिनट में पढ़ें
न्यूजफ्लिक्स
@newsflickshindi
धुएं में घुल रही है आपकी 3 साल की ज़िंदगी
प्रदूषित हवा की वजह से हम कितनी बड़ी कीमत चुकाते हैं, इसका अंदाजा तक लगाना आसान नहीं होता. और इसके अलावा हम सभी अपनी-अपनी जिंदगी के कुछ अनमोल साल भी इसकी भेंट चढ़ा रहे हैं.